5 Easy Facts About bhoot ki story Described

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एक दिन राजेश हमारे बिल्डिंग के नीचे के ग्राउंड में रस्सी से बनी काट के ऊपर सोया हुआ था। और हम सब घर के अंदर थे कि अचानक राजेश की आवाज़ सुनाई दी।

लेकिन फिर उस घर में रात को और अजीब अजीब चीजें होने लगीं। रात को वहाँ कितकियों का अपने आप पट पटाना, और ऐसा लगना जैसे उनके कम्बल को जैसे कोई धीरे से नीचे से कींच रहा हो। और कभी कभी उन्हें पैरों के पास ठंडी सी एहसास होती थी जैसे कोई ठंडी हात उसे चूराही हो। और उस कमरे में किसी के आने जाने का आभास भी हर रात होती थी। फिरभी दूसरे घर न मिलने की मजबूरी में वही सहते हुवे रह गए।

अगले कुछ दिनों में, बुजुर्ग ने एक छोटे से लकड़ी के टुकड़े से एक प्यारा सा खिलौना बनाया। रात के समय, खिलौना बहुत ही भयंकर रूप में चमकता था, और एक सुरीली संगीत की ध्वनि से गूंथा हुआ था। यह खिलौना वास्तव में अद्वितीय और रहस्यमय दिखता था।

एक दिन एक चरवाहा अपनी कुछ बकरियों के साथ कुएं के पास से गुजर रहा था.. तभी उसकी एक बकरी कुए के बिल्कुल नजदीक चली जाती है.

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सोनू : बंटी मेरे दोस्त बाहर निकलो.. तुम कहां हो.. कहां हो तुम.. सोनू चीखता रहता है पर कुए से कोई भी आवाज नहीं आती.

पहलवान मुंशी को खेती के लिए जमीन मांगने की अपनी विनती बताता है। संदेश लेकर राजा के पास पहुंचने पर राजा पहलवान को ढेर सारी जमीन देने का आदेश देता है। मुंशी बेहद चतुर होता है तो वह राजा द्वारा पहलवान को दी गई अधिकांश जमीन स्वयं के लिए रखकर मोहन को कब्रिस्तान के पास एक बंजर जमीन का छोटा सा टुकड़ा दे देता है, जिसे पाकर पहलवान खुशी-खुशी वापस लौट जाता है।

बस फिर देर किस बात की आज से ही बच्चों को रोज एक डरावनी कहानी सुनाएं और खुद भी इनका आनंद लें।

जब लोग उसका जवाब नहीं देते थे तो पहलवान उसी लोहे के डंडे से लोगों की पिटाई करता था। 

" हाँ चिन्नू , क्या तुमने रेलवे स्टेशनों के शौचालय में हातों के निशान देखें हैं? उन्होंने पूछा।

रात का समय था, कब्रिस्तान अपनी चुप्पी से गुम हो रहा था। चाँदनी की किरणें कब्रों की चट्टानों पर मुस्कान बिखेर रही थीं। एक अजीब सी ऊँचाई से बनी एक कब्र अद्वितीय रूप से खड़ी थी, जिसकी ऊपरी सत्री कुछ अजीब से चिन्हों से सजीव थी।

युवक ने वहाँ पहुंचकर देखा कि कब्र रात के समय में चमकती more info है। वह धीरे-धीरे कब्र की ओर बढ़ता है, और वहां पहुंचकर वह बैठ जाता है। कुछ ही क्षणों में, राजा की आत्मा उससे मिलती है और कहती है, “तू मेरे पास क्यों आया है?”

वहाँ का माहौल अब पूरी तरह से जादू से भरा हुआ था। अचानक, एक विशेष समय पर उस कब्र से एक पुरानी कहानी की आवाज सुनाई दी। कहानी का राज था कि जब वह कब्र बनाई गई थी, तब उसे एक प्राचीन राजा की आत्मा ने आवास दिया था। उस राजा के प्रेम और विशेष कला के क्षेत्र में उनकी महानता के कारण, उसकी आत्मा उस कब्र में सजीव रह गई थी।

गौरब एक पंडित को लेकर उस घर में जाता है और पूजा पाठ करवाता है। इससे उस आत्मा को उस घर से मुक्ति मिल जाती है और वह गौरब का धन्यवाद करती है। गांब वाले सभी गौरब के इस कारनामे से प्रसन्न होते है और उसे इनाम देते है।

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